Thursday, November 24, 2011

में जीना नहीं चाहता...... !!

ऐ दिन जला दे मेरे बदन को, सूरज की तपिस से,
में जीना नहीं चाहता ….,
ऐ रात छुपाले मुझको अपने अंधेरों में,
में सुबह देखना नहीं चाहता ….,
ऐ हवा पनाह कर दे मेरी सांसे सीने से,
में खुद में घुटना नहीं चाहता ….,
ऐ ज़मी दफ़न कर ले मुझको अपने आगोश में,
में यार को ये रोनी सूरत दिखाना नहीं चाहता ….,
ऐ सनम सच पूछो तो यार मेरे,
में तेरे बिन जीना नहीं चाहता ….,
में तेरे बिन जीना नहीं चाहता ….!!

No comments:

Post a Comment