तुम लगा लो पंख अपने होसलों में,
में तुम्हे अपने पास बुलाना चाहता हूँ,
तेरे प्यार की सरसराहट को अपने गलियों से,
घर में उतारना चाहता हूँ,
जोगन के रूप में न कटे तेरी ज़िंदगी,
इसलिए अपनी राधा बनाना चाहता हूँ,
में कोई कृष्णा नहीं जो मुरली बजाऊंगा,
पर अपने एहसासों से दिल का दर्शन कराना चाहता हूँ,
तू सोच ले अगर थोड़ा ओर वक़्त चाहिए तो,
में पतझर की तरह सावन का ओर इंतजार करना चाहता हूँ,
बस तू साथ दे दे मेरे प्यार का,
हम दो जिस्म एक जान है ये सिर्फ तुमको ही नहीं
दुनिया के हर शय को बताना चाहता हूँ !!
में तुम्हे अपने पास बुलाना चाहता हूँ,
तेरे प्यार की सरसराहट को अपने गलियों से,
घर में उतारना चाहता हूँ,
जोगन के रूप में न कटे तेरी ज़िंदगी,
इसलिए अपनी राधा बनाना चाहता हूँ,
में कोई कृष्णा नहीं जो मुरली बजाऊंगा,
पर अपने एहसासों से दिल का दर्शन कराना चाहता हूँ,
तू सोच ले अगर थोड़ा ओर वक़्त चाहिए तो,
में पतझर की तरह सावन का ओर इंतजार करना चाहता हूँ,
बस तू साथ दे दे मेरे प्यार का,
हम दो जिस्म एक जान है ये सिर्फ तुमको ही नहीं
दुनिया के हर शय को बताना चाहता हूँ !!
No comments:
Post a Comment