वो, वो जो थे वही है, शायद हम बदल गये है,
फर्क इतना रहा सिर्फ दर्मिया हमारे
हम ठोकरें खा के गिड़ गये है,
ओर वो मेरा हाँथ थामे संभल गये है,
कौन बतायेगा उनको किनके खाव्ब बुझे
किनके जल गये है,
किनके राह मंजिलों से पहले बदल गये है,
फर्क इतना रहा सिर्फ दर्मिया हमारे
हम मोहब्बत के आग में झुलस गये है,
वो नदी बनके दूर निकल गये है,
वो, वो जो थे वही है, शायद हम बदल गये है !!
फर्क इतना रहा सिर्फ दर्मिया हमारे
हम ठोकरें खा के गिड़ गये है,
ओर वो मेरा हाँथ थामे संभल गये है,
कौन बतायेगा उनको किनके खाव्ब बुझे
किनके जल गये है,
किनके राह मंजिलों से पहले बदल गये है,
फर्क इतना रहा सिर्फ दर्मिया हमारे
हम मोहब्बत के आग में झुलस गये है,
वो नदी बनके दूर निकल गये है,
वो, वो जो थे वही है, शायद हम बदल गये है !!
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