कई अरसे पहले मैंने आसमा में चाँद देखा था,
कभी सोचा ना था,उसकी खूबसूरती, उसकी सादगी,
मेरे ज़िंदगी का हिस्सा बनेगी,
ओर आज- वो पास है मेरे,
जैसे यूँ लगा बरसों बाद मैंने रातों में ख्याब देखा था !
में आज खुद को जमी समझ कर इतराऊ,
तो कम नहीं होगा ये,
क्योंकि पाके मैंने प्यार की रोशनी का साथ,
आज हर काली रात में पूनम की रात देखा था,
कई अरसे पहले मैंने आसमा में चाँद देखा था !
गर रूठ के उनसे कभी,
अपने बेवजह की गलतियों के साथ जो बैठा साहिल पे,
तो उनके बदले,लहरों को भिंगो के पैर मेरा रोते देखा था,
कई अरसे पहले मैंने आसमा में चाँद देखा था !
जी करता है परिंदों से पंख मांग कर छु आऊं तेरे बदन को,
पर करू क्या में, आज उन्ही परिंदों को अपने आँगन नाचते देखा था,
कई अरसे पहले मैंने आसमा में चाँद देखा था !
कभी सोचा ना था,उसकी खूबसूरती, उसकी सादगी,
मेरे ज़िंदगी का हिस्सा बनेगी,
ओर आज- वो पास है मेरे,
जैसे यूँ लगा बरसों बाद मैंने रातों में ख्याब देखा था !
में आज खुद को जमी समझ कर इतराऊ,
तो कम नहीं होगा ये,
क्योंकि पाके मैंने प्यार की रोशनी का साथ,
आज हर काली रात में पूनम की रात देखा था,
कई अरसे पहले मैंने आसमा में चाँद देखा था !
गर रूठ के उनसे कभी,
अपने बेवजह की गलतियों के साथ जो बैठा साहिल पे,
तो उनके बदले,लहरों को भिंगो के पैर मेरा रोते देखा था,
कई अरसे पहले मैंने आसमा में चाँद देखा था !
जी करता है परिंदों से पंख मांग कर छु आऊं तेरे बदन को,
पर करू क्या में, आज उन्ही परिंदों को अपने आँगन नाचते देखा था,
कई अरसे पहले मैंने आसमा में चाँद देखा था !
बेहतरीन और सार्थक पोस्ट.....
ReplyDeleteSukriya Sushma ...
ReplyDeletekai arse pahle aasmaan m chand dekha tha......bahut sundar rachna
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