आँखें यूँ ही नहीं रोती ....
आँखें रोती है किसी के प्यार में ...
किसी के इंतजार में ...
किसी के जज्बातों के टकरार में ..
ओर तो ओर किसी दुखों के आर में ...
थोड़ी ख़ुशी मिलती उसको गर जो कोई पूछ लेता
"की तू चाहता क्या है" ..?
शायद उस वक़्त इशारा तेरी ओर होता !!
बहुत खूब.....
ReplyDeleteशुक्रिया सुषमा जी !!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना है...
ReplyDeletedard s bhari rachna
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