रज रज के माँ तुझे इस कदर सलाम करू,
तेरे तीन रंगों में हर सांसे क्या जां भी तमाम करू,
मिले जब कभी फिर ज़िंदगी, माँ - तो बस तेरे मिट्टी का अरमान करू,
रज रज के माँ तुझे इस कदर सलाम करू ..!!
नाचू गाऊ मदहोश होके तेरे आँचल तले,
पर सीना ताने बस आज तेरा ही शंख नाद करू,
याद करू, तेरे हर वीर सपूतों को
ओर झुक के उनके सहादत का मान करू,
रज रज के माँ तुझे इस कदर सलाम करू ..!!
दे गोरव आशीष इतना की जो भी देखे तुझे बुरी नज़र से,
उसे इस दुनिया के नकस्से से बर्बाद करू,
गर जो बढ़ाये हाथ दोस्ती का उसको तेरे बेटे की तरह मान करू,
रज रज के माँ तुझे इस कदर सलाम करू ..!!
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