मेरे बेचैन सांसों को एक नज़र तू देख ले
हुआ है क्या मेरे दिल को मेरे दिल से तू पूछ ले
हुआ है क्या मेरे दिल को मेरे दिल से तू पूछ ले
तुझे सब पता चल जायेगा
तुझे सब दिख जायेगा
मेरे बेचैन सांसों को एक नज़र तू देख ले,
क्यूँ खामोश दूर तक जाती है आँखें
क्यूँ सितम तेरी सह जाती है रातें
क्यूँ उलझ कर ठहर जाती है बातें
क्यूँ याद में तेरे सिहर जाती है बाहें
तुझे सब पता चल जायेगा
तुझे सब दिख जायेगा
मेरे बेचैन सांसों को एक नज़र तू देख ले,
हँस-हँस के गुज़ारा था जो पल तेरे पनाहों में
छुप-छुप के बिठाया था जो तुम्हे निगाहों में
वहीँ कैसे दूर देखू तुझे में अब किनारों में
जब तू ही तू, जब तू ही तू,थी मेरे एक सहारों में,
तुझे सब पता चल जायेगा
तुझे सब दिख जायेगा
मेरे बेचैन सांसों को एक नज़र तू देख ले,
है जुस्तुजू आरज़ू इनायत सब तुमसे
तुम हो तो सब है, तुम हो तो तुमसे
जो तू नहीं तो कुछ नहीं
जो तू है तो सब तुमसे
बस आ देख ले,
तुझे सब पता चल जायेगा
तुझे सब दिख जायेगा
मेरे बेचैन सांसों को एक नज़र तू देख ले !!
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