Thursday, February 9, 2012

फ़कत फूल की हर खुशबु.....!!


फ़कत फूल की हर खुशबु.. इश्क की तरह तेरे जिस्म से महकेगी,

मत पूछना तू - तब,
मेरे बेहिसाबी जिस्म की आलम की बात,
जब, बिन पिये शराब की तरह.. ये आशिक तेरे जिस्म की खुशबु में झूमेगा, 
नहा लेना तू जाके किसी भी समुंदर के लहरों में उस वक़्त,
गर यकी न हो मेरे आवारगी पे तो,
फिर उन लहरों से बाहर आके देखना,
रेत बनके ये आशिक "ही" तेरा कदम चूमेगा  !!

फ़कत फूल की हर खुशबु.....


ना तमनाओ से, ना सितारों से सजाना अपना आँचल,

बस थोड़ा टेहर कर ओर कर लेना इंतजार मेरा,
एक दुल्हन की तस्वीर दिल में रख कर आऊंगा,
ओर सारी कायनात को जमी पे उतारूंगा,
बोलूँगा फिर उसे खुदा से .. सजा दे मेरे इस चाँद को,
तेरे चाँद को बादलों में कहीं छुपाऊँगा,

मत देखना तू किसी हेरत भरी नज़रों से हमें तभी,

बस साथ देना थोड़ा ओर जरा... तेरा हर सपना वादों का सच कर के यूँही दिखाऊंगा  !!  

फ़कत फूल की हर खुशबु.....!!

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